For faster navigation, this Iframe is preloading the Wikiwand page for लखनऊ विश्वविद्यालय.

लखनऊ विश्वविद्यालय

इस लेख में सत्यापन हेतु अतिरिक्त संदर्भ अथवा स्रोतों की आवश्यकता है।कृपया विश्वसनीय स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री को चुनौती दी जा सकती है और हटाया भी जा सकता है। (जून 2020) स्रोत खोजें: "लखनऊ विश्वविद्यालय" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR)
लखनऊ विश्वविद्यालय

आदर्श वाक्य:प्रकाश एवं अध्ययन
स्थापित1920; 104 वर्ष पूर्व (1920)
प्रकार:सार्वजनिक
कुलाधिपति:उत्तर प्रदेश के राज्यपाल
कुलपति:प्रो आलोक राय
विद्यार्थी संख्या:१९,२२५
स्नातक:१०,९७६
स्नातकोत्तर:७,२९०
अवस्थिति:लखनऊ, उत्तर प्रदेश
परिसर:शहरी
शुभंकर:मछली
सम्बन्धन:विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC), भारतीय विश्वविद्यालयों का संगठन (AIU), दूरस्थ शिक्षा परिषद (DEC), राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC), राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE), बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI )
जालपृष्ठ:www.lkouniv.ac.in
लखनऊ विश्वविद्यालय

लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ; उत्तर प्रदेश में स्थित एक सार्वजनिक राज्य विश्वविद्यालय है। १८६७ में स्थापित, लखनऊ विश्वविद्यालय भारत में उच्च शिक्षा के सबसे पुराने सरकारी स्वामित्व वाले संस्थानों में से एक है। विश्वविद्यालय का मुख्य परिसर बादशाहबाग, और दूसरा परिसर जानकीपुरम में स्थित है ।

यह एक शिक्षण, आवासीय और संबद्ध विश्वविद्यालय है, जो पूरे शहर और आसपास के क्षेत्रों में स्थित १६० से अधिक कॉलेजों और संस्थानों में आयोजित किया जाता है।

इस विश्वविद्यालय का समबन्ध अनुदान आयोग; राष्ट्रमंडल विश्वविद्यालयों का संगठन (ACU); भारतीय विश्वविद्यालयों का संगठन (AIU); दूरस्थ शिक्षा परिषद (DEC) से है । अन्य मान्यता में राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC); राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE); बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI )  शामिल हैं । इसकी मान्यता १९२१ तक यूजीसी से थी ।

लखनऊ में एक विश्वविद्यालय की स्थापना का विचार राजा सर मोहम्मद अली मोहम्मद खान, खान बहादुर, के.सी.आई.ई. महमूदाबाद द्वारा दिया गया था । उन्होंने तत्कालीन लोकप्रिय अखबार द पायनियर में लखनऊ में एक विश्वविद्यालय की नींव रखने का आग्रह करते हुए एक लेख में योगदान दिया था । सर हरकोर्ट बटलर , संयुक्त प्रांत के लेफ्टिनेंट-गवर्नर, को विशेष रूप से सभी मामलों में मोहम्मद खान का निजी सलाहकार नियुक्त किया गया । विश्वविद्यालय को अस्तित्व में लाने के लिए पहला कदम तब उठाया गया, जब शिक्षाविदों की एक सामान्य समिति ने १० नवंबर १९१९ को गवर्नमेंट हाउस, लखनऊ में एक सम्मेलन में मुलाकात की और जो व्यक्ति रूचि रखते थे उनकी नियुक्ति की । इस बैठक में सर हरकोर्ट बटलर, समिति के अध्यक्ष, ने नए विश्वविद्यालय के लिए प्रस्तावित योजना की रूपरेखा तैयार की।

विस्तृत चर्चा के बाद, यह निर्णय लिया गया कि लखनऊ विश्वविद्यालय एकात्मक, शिक्षण और आवासीय विश्वविद्यालय होना चाहिए, जैसा कि कलकत्ता विश्वविद्यालय मिशन, १९१९ द्वारा अनुशंसित किया गया है, और इसमें ओरिएंटल स्टडीज, विज्ञान, चिकित्सा, विधि , कला, इत्यादि के संकाय शामिल हो । छह उप समितियों का गठन किया गया था, जिनमें से पांच विश्वविद्यालय से जुड़े सवालों पर विचार करने के लिए और एक इंटरमीडिएट शिक्षा प्रदान करने की व्यवस्था पर विचार करने के लिए थीं। ये उप-समितियां नवंबर और दिसंबर, १९१९, और जनवरी, १९२० के महीनों के दौरान मिलीं; और २६ जनवरी १९२० को लखनऊ में जनरल कमेटी के दूसरे सम्मेलन से पहले उनकी बैठकों की रिपोर्ट रखी गई; उनकी कार्यवाही पर विचार किया गया और चर्चा की गई, और कुछ उप संशोधनों के बाद पांच उप-समितियों की रिपोर्ट की पुष्टि की गई। विश्वविद्यालय में मेडिकल कॉलेज को शामिल करने का प्रश्न, हालांकि, आगे की चर्चा के लिए खुला छोड़ दिया गया था। सम्मेलन के अंत में, महमूदाबाद और जहांगीराबाद के राजा, प्रत्येक द्वारा रु.१ लाख की धनराशि, पूँजी के रूप में घोषित की गई थी।

१२ मार्च १९२० को इलाहाबाद विश्वविद्यालय की एक बैठक से पहले दूसरे सम्मेलन में पुष्टि की गई उप-समितियों की सिफ़ारिशें के साथ पहले सम्मेलन के संकल्पों को एक साथ रखा गया था, और उन पर विचार करने के लिए एक उप-समिति  को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया और सीनेट को रिपोर्ट करने का निश्चय किया गया ।

७ अगस्त १९२० को सीनेट की एक बैठक में उप-समिति की रिपोर्ट पर विचार कर, जिस पर चांसलर की अध्यक्षता की गई थी, उसे अनुमोदित किया गया । इस बीच, विश्वविद्यालय में मेडिकल कॉलेज को शामिल करने की कठिनाई को हटा दिया गया था। अप्रैल १९२० के दौरान, श्री सी.एफ.डी ला फॉसे, संयुक्त प्रांत के सार्वजनिक निर्देश के तत्कालीन निदेशक, ने लखनऊ विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए एक मसौदा विधेयक पेश किया, जिसे १२ अगस्त १९२० को विधान परिषद में पेश किया गया था। इसके बाद इसे प्रवर समिति को भेजा गया जिसने कई सुझाव दिए थे, जिसमे सबसे महत्वपूर्ण विभिन्न विश्वविद्यालय निकायों के संविधान का उदारीकरण और वाणिज्य संकाय शामिल करना है। यह विधेयक, संशोधित रूप में, ८ अक्टूबर १९२० को परिषद द्वारा पारित किया गया था। लखनऊ विश्वविद्यालय अधिनियम, १९२० को, 1 नवंबर को उपराज्यपाल की सहमति प्राप्त हुई, और २५ नवंबर १९२० को गवर्नर-जनरल की ।

विश्वविद्यालय की अदालत का गठन मार्च १९२१ में किया गया था, जिसकी पहली बैठक २१ मार्च १९२१ को हुई थी, जिसकी अध्यक्षता चांसलर द्वारा की गयी थी। अन्य विश्वविद्यालय के अधिकारियों जैसे कार्यकारी परिषद, शैक्षिक परिषद, और  अन्य संकाय अगस्त और सितंबर, १९२१ में अस्तित्व में आए। अन्य समितियां और बोर्ड, दोनों वैधानिक और अन्यथा, समय के साथ गठित किए गए थे। १७ जुलाई १९२१ को, विश्वविद्यालय ने औपचारिक और अनौपचारिक दोनों तरह से शिक्षण का कार्य किया। कला, विज्ञान, वाणिज्य, और कानून के संकायों में शिक्षण कैनिंग कॉलेज में किया जा रहा था और किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में चिकित्सा संकाय में अध्यापन किया जा रहा था। कैनिंग कॉलेज को १ जुलाई १९२२ विश्वविद्यालय को सौंप दिया गया, हालांकि इस तिथि से पहले, कैनिंग कॉलेज से संबंधित भवन, उपकरण, कर्मचारी आदि को शिक्षण के उद्देश्यों के लिए विश्वविद्यालय के निपटान में अनुचित रूप से रखा गया था और रहने का स्थान १ मार्च १९२१ को किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज और किंग जॉर्ज अस्पताल को सरकार द्वारा विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था।

समय के साथ “द किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज (आज का किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी), द कैनिंग कॉलेज, इसाबेला थोबर्न कॉलेज” ने संरचनात्मक और साथ ही विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए शैक्षिक और प्रशासनिक मदद प्रदान की है ।[1]

विभाग और पुस्तकालय

[संपादित करें]

लखनऊ विश्वविद्यालय में कला, विज्ञान, वाणिज्य, शिक्षा, ललित कला, विधि और आयुर्वेद सात संकायों से सम्बद्ध,५९ विभाग हैं। इन संकायों में लगभग १९६ पाठ्यक्रम संचालित है, जिसमें ७० से अधिक व्यावसायिक पाठ्यक्रम स्ववित्तपोषित योजना में संचालित हैं। वर्तमान में यहाँ ३८,००० के लगभग छात्र शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। सम्प्रति ७२ महाविद्यालय, विश्वविद्यालय से सम्बद्ध हैं। जहाँ स्नातक स्तर पर शिक्षा प्रदान की जाती है। कुछ महाविद्यालयों को परास्नातक कक्षायें चलाने की भी अनुमति प्राप्त है। यहाँ शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या लगभग ८०,००० है। लखनऊ विश्वविद्यालय परिसर में शोध की उच्चस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध हैं। शिक्षकों, शोधार्थियों एवं सामान्य छात्रों के लिए विभिन्न विभागीय पुस्तकालयों के अतिरिक्त दो केन्द्रीय पुस्तकालय हैं- कोऑपरेटिव लैण्डिंग लाइब्रेरी और टैगोर पुस्तकालय। टैगोर पुस्तकालय भारत के प्रतिष्ठित पुस्तकालयों में से एक माना जाता है। यहाँ लगभग ५.२५ लाख पुस्तकें तथा १०,००० शोध ग्रन्थ उपलब्ध हैं। पुस्तकालय में लगभग ५०,००० शोध पत्रिकाएँ और पाण्डुलिपियाँ उपलब्ध हैं। यह पुस्तकालय लखनऊ विश्वविद्यालय की वेबसाईट के द्वारा भली-भाँति जुड़कर कम्प्यूटररीकृत हो रहा है। विश्वविद्यालय में शिक्षकों, कर्मचारियों के लिए आवास के साथ-साथ छात्रों के लिए १४ छात्रावास हैं। ९ छात्रों के लिए तथा ५ छात्राओं के लिए हैं। १ अन्तर्राष्ट्रीय छात्रावास पुराने परिसर में आचार्य नरेन्द्रदेव की स्मृति में है तथा १ अन्तर्राट्रीय छात्रावास विदेशी छात्रों के लिए नए परिसर में भी हैं। इसके अतिरिक्त नगर में इससे संबद्ध १५ महाविद्यालय भी हैं।[2]

अन्य सुविधाएँ

[संपादित करें]

खिलाड़ियों को खेलकूद की सुविधा प्रदान करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय एथेलेटिक एशोसिएशन का गठन किया गया है। इसके अन्तर्गत एथलेटिक, हॉकी, फुटबॉल, क्रिकेट, बास्केटबॉल, बालीबॉल, तैराकी एवं नौकायन, जिमनास्टिक, कबड्डी आदि क्लब हैं, जो छात्रों की खेल प्रतिभा को बढाऩे का कार्य करते हैं। खेलकूद में भी विश्वविद्यालय के छात्रों का राष्ट्रीय तथा अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिनिधित्व रहा है। महान हॉकी खिलाड़ी बाबू के० डी० सिंह हेलसिंकी ओलम्पिक से लेकर वर्तमान क्रिकेटर खिलाड़ी - श्री सुरेश रैना और श्री आर० पी० सिंह यहाँ के विद्यार्थी रहे हैं।

छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए नेशनल कैडेड कोर (N C C) की थल, जल, वायु कमान तथा राष्ट्रीय सेवा योजना की शाखायें भी विश्वविद्यालय में हैं। इसके अतिरिक्त लखनऊ विश्वविद्यालय सांस्कृतिक समिति द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन समय-समय पर किया जाता है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित करने एवं नवीनतम जानकारी उपलब्ध कराने के लिए १९८८ में अकादमिक स्टॉफ कॉलेज की परिसर में स्थापना की गई। लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अन्तर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित की है। भारत के उत्कृष्ट पुरस्कारों में से २ पद्म विभूषण, ४ पद्मभूषण, एवं १८ पद्मश्री पुरुस्कारों के साथ-साथ बी० सी० राय और शान्तिस्वरूप भट्नागर पुरुस्कार भी यहाँ के छात्रों ने प्राप्त किये हैं। लोकप्रिय चलचित्र ओंकारा’, राजपाल यादव और रितुपर्णा सेनगुप्ता अभिनीत ‘मैं, मेरी पत्नी और वो’ एवं पंकज कपूर की फिल्म ‘कहाँ कहाँ से गुजर गया’ की शूटिंग के लिए इस विश्वविद्यालय के परिसर का उपयोग किया गया है।[3]

प्रसिद्ध पूर्वछात्र

[संपादित करें]

शंकर दयाल शर्मा, भूतपूर्व राष्ट्रपति भारत
विजयाराजे सिंधिया, स्वर्गीय राजमाता ग्वालियर
आरिफ मोहम्मद खान, राजनीतिज्ञ, साम्यवादी, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज़फर अली नकवी, राजनीतिज्ञ, सांसद, भारत सरकार
सय्यद सज्जाद ज़हीर, राजनीतिज्ञ, कवि, लेखक
के. सी. पन्त, भूतपूर्व केंद्रीय मंत्री एवं उपाध्यक्ष योजना विभाग
सुरजीत सिंह बरनाला, राजपाल तमिलनाडु
सय्यद सिब्ते राज़ी, राजपाल झारखण्ड

श्री कीर्तिवर्धन सिंह, केंद्रीय राज्यमंत्री (वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन/विदेश मंत्री), सांसद गोंडा (उ.प्र)

मुख आचार्य

[संपादित करें]

प्रो॰ टी. एन. मजूमदार, प्रो॰ डी. पी. मुखर्जी, प्रो॰ कैमरॉन, प्रो॰ बीरबल साहनी, प्रो॰ राधाकमल मुखर्जी, प्रो॰ राधाकुमुद मुखजी, प्रो॰ सिद्धान्त, आचार्य नरेन्द्र देव, प्रो॰ काली प्रसाद, डॉ॰ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, प्रो॰ सूर्यप्रसाद दीक्षित, रमेश कुन्तल मेघ, प्रो॰ शंकरलाल यादव, प्रो0 ओम् प्रकाश पाण्डेय आदि विद्वानों ने अपने ज्ञान के आलोक से लखनऊ विश्वविद्यालय को प्रकाशित किया है।

शैक्षिक गतिविधियाँ

[संपादित करें]

विश्वविद्यालय में समय-समय पर अनेक अन्तर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय संगोष्ठियॉ आयोजित की जाती हैं। सन् २००२ में राष्ट्रीय विज्ञान काँग्रेस का आयोजन भी एक विशेष उपलब्धि है जिसमें भारत रत्न से विभूषित, भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री ए०पी०जे० अब्दुल कलाम, प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई, राज्यपाल - श्री विष्णुकान्त शास्त्री के साथ अनेक अन्तर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध वैज्ञानिको ने सहभागिता की थी। सम्प्रति, लखनऊ विश्वविद्यालय को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की कमेटी ने सर्वांगीण क्षेत्रों में गुणवत्ता के लिए '4 स्टार' प्रदान किये हैं। तत्कालीन समय में प्रो॰आलोक राय लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति हैं।

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "लखनऊ विश्वविद्यालय का इतहास". लखनऊ विश्वविद्यालय. मूल से 25 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि मार्च ३, २०२०.
  2. "लखनऊ विश्वविद्यालय". लखनऊ विश्वविद्यालय. मूल से 28 नवंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि १२ दिसंबर २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)
  3. "लखनऊ विश्वविद्यालय शूटिंग के लिए प्रसिद्ध". जोश. अभिगमन तिथि १२ दिसंबर २००९. |access-date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद)[मृत कड़ियाँ]
{{bottomLinkPreText}} {{bottomLinkText}}
लखनऊ विश्वविद्यालय
Listen to this article

This browser is not supported by Wikiwand :(
Wikiwand requires a browser with modern capabilities in order to provide you with the best reading experience.
Please download and use one of the following browsers:

This article was just edited, click to reload
This article has been deleted on Wikipedia (Why?)

Back to homepage

Please click Add in the dialog above
Please click Allow in the top-left corner,
then click Install Now in the dialog
Please click Open in the download dialog,
then click Install
Please click the "Downloads" icon in the Safari toolbar, open the first download in the list,
then click Install
{{::$root.activation.text}}

Install Wikiwand

Install on Chrome Install on Firefox
Don't forget to rate us

Tell your friends about Wikiwand!

Gmail Facebook Twitter Link

Enjoying Wikiwand?

Tell your friends and spread the love:
Share on Gmail Share on Facebook Share on Twitter Share on Buffer

Our magic isn't perfect

You can help our automatic cover photo selection by reporting an unsuitable photo.

This photo is visually disturbing This photo is not a good choice

Thank you for helping!


Your input will affect cover photo selection, along with input from other users.

X

Get ready for Wikiwand 2.0 🎉! the new version arrives on September 1st! Don't want to wait?