चकचंदा
चकचंदा | |
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आधिकारिक नाम | चकचंदा त्योहार |
अनुयायी | हिन्दू, भारतीय, भारतीय प्रवासी |
प्रकार | Hindu |
तिथि | भाद्रपद मास की शुक्ल चतुर्थी से अनन्त चतुर्दशी (अनंत चौदस) तक |
समान पर्व | गणेश चतुर्थी |
चकचंदा बिहार में मनाया जानेवाला एक त्योहार है जो भादो महीने की शुक्ल चतुर्थी को मनाया जाता है। भारत के अन्य भागों में जब लोग इस दिन भगवान गणेश की पूजा करते हैं, बिहार के ज्यादातर हिस्सों में लोग चकचंदा मनाते हैं। बहुत पहले जब स्कूली शिक्षा व्यवस्था सरकारी दायरे के बाहर थी, गुरुजी के जीविकोपार्जन का एकमात्र माध्यम विद्यार्थियों से प्राप्त गुरुदक्षिणा होती थी। भादो के महीने में तब चकचंदा को एक समारोह की तरह मनाया जाता था। भाद्रपद चतुर्थी से आरम्भ कर अगले दस दिनों में गाँव के सभी घरों में जाकर विद्यार्थी गणेश वंदना गाते और चकचंदा माँगते थे[1]। माँगी हुई चंदा गुरूजी को ससम्मान पहुँचा दिया जाता था। वास्तव में यह त्योहार ग्रामीण संस्कृति में परस्पर जीने की कला का उल्लासमय आयोजन है।
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ चकचंदा से जुडी मदन मोहन तरूण की यादें [1] Archived 2016-03-05 at the वेबैक मशीन
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