For faster navigation, this Iframe is preloading the Wikiwand page for यहूदी नरसंहार.

यहूदी नरसंहार

इस लेख में अनेक समस्याएँ हैं। कृपया इसे सुधारने में मदद करें या वार्ता पृष्ठ पर इन समस्याओं पर चर्चा करें। यह लेख विषयवस्तु पर व्यक्तिगत टिप्पणी अथवा निबंध की तरह लिखा है।कृपया इसे ज्ञानकोष की शैली में लिखकर इसे बेहतर बनाने में मदद करें। (नवम्बर 2014) इस लेख का लहजा विकिपीडिया के औपचारिक लहजे को नहीं दर्शाता है। अधिक जानकारी वार्ता पृष्ठ पर मिल सकती है। (नवम्बर 2014) इस लेख में सन्दर्भ या स्रोत नहीं दिया गया है।कृपया विश्वसनीय सन्दर्भ या स्रोत जोड़कर इस लेख में सुधार करें। स्रोतहीन सामग्री ज्ञानकोश के उपयुक्त नहीं है। इसे हटाया जा सकता है। (नवम्बर 2014) स्रोत खोजें: "यहूदी नरसंहार" – समाचार · अखबार पुरालेख · किताबें · विद्वान · जेस्टोर (JSTOR)
आस्विज (Auschwitz II (Birkenau)) के 'हत्या शिविर' को जाने वाली रेल लाइन

यहूदी नरसंहार, जिसे दुनियाभर में होलोकॉस्ट के नाम से जाना जाता है, द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान यूरोपी यहूदियों का नाज़ी जर्मनी द्वारा किया गया एक जाति-संहार था। नाज़ी जर्मनी और इसके सहयोगियों ने तक़रीबन साठ लाख यहूदियों की सुनियोजित तरीक़े से हत्या कर दी।

1933 में अडोल्फ़ हिटलर जर्मनी की सत्ता में आया और उसने एक नस्लवादी साम्राज की स्थापना की, जिसमें यहूदियों को सब-ह्यूमन क़रार दिया गया और उन्हें इंसानी नस्ल का हिस्सा नहीं माना गया। 1939 में जर्मनी द्वारा विश्व युद्ध भड़काने के बाद हिटलर ने यहूदियों को जड़ से मिटाने के लिए अपने "अंतिम हल" को अमल में लाना शुरू किया। उसके सैनिक यहूदियों को कुछ ख़ास इलाक़ों में ठूंसने लगे। उनसे काम करवाने, उन्हें एक जगह इकट्ठा करने और मार डालने के लिए विशेष शिविर स्थापित किए गए, जिनमें सबसे कुख्यात था ऑस्चविट्ज। यहूदियों को इन शिविरों में लाया जाता और वहां बंद कमरों में ज़हरीली गैस छोड़कर उन्हें मार डाला जाता। जिन्हें काम करने के काबिल नहीं समझा जाता, उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाता, जबकि बाकी बचे यहूदियों में से ज्यादातर भूख और बीमारी से दम तोड़ देते। युद्ध के बाद सामने आए दस्तावेजों से पता चलता है कि हिटलर का मकसद दुनिया से एक-एक यहूदी को खत्म कर देना था।

युद्ध के छह साल के दौरान नाजियों ने तकरीबन 60 लाख यहूदियों की हत्या कर दी, जिनमें 15 लाख बच्चे थे। यहूदियों को जड़ से मिटाने के अपने मकसद को हिटलर ने इतने प्रभावी ढंग से अंजाम दिया कि दुनिया की एक तिहाई यहूदी आबादी खत्म हो गई। यह नरसंहार संख्या, प्रबंधन और क्रियान्वयन के लिहाज से विलक्षण था। इसके तहत एक समुदाय के लोग जहां भी मिले, वे मारे जाने लगे, सिर्फ इसलिए कि वे यहूदी पैदा हुए थे। इन कारणों के चलते ही इसे अपनी तरह का नाम दिया गया-होलोकॉस्ट।

नाजियों ने यहूदियों की हत्या क्यों की ?

[संपादित करें]

इस सवाल के कई जवाब पेश किए जाते रहे हैं : धार्मिक, ऐतिहासिक, दार्शनिक, मनोवैज्ञानिक और मार्क्सवादी। लेकिन कोई भी एक जवाब कभी संतोषजनक नहीं हो सकता। ऐतिहासिक जवाब कुछ इस तरह है- 1930 के दशक में जर्मन जनसंख्या के एक बड़े हिस्से ने एक ऐसे समाज में रहने की रजामंदी जताई, जो नफरत, जातीय श्रेष्ठता की अवधारणा और हिंसा पर आधारित थी। वे जिस व्यवस्था से बंधे थे, उसकी केंद्रीय धारणा यह थी कि यहूदी लोग हर उस चीज की नुमाइंदगी करते हैं, जो जर्मनों के खिलाफ है और इसलिए यहूदियों को खत्म कर दिया जाना चाहिए। यह धारणा दुनिया को देखने के एक नस्ली नजरिए से भी जुड़ी थी, जो जर्मनों को मास्टर रेस का हिस्सा मानती थी और यहूदियों को विनाशकारी भौतिक गुणों वाले एंटी रेस का। जब यहूदियों का भौगोलिक रूप से खात्मा संभव नहीं हो सका, तब उन्होंने सबसे कट्टर रास्ता अख्तियार किया, जो था- अंतिम हल।

क्या होलोकॉस्ट अपनी तरह की एक मात्र घटना है ?

[संपादित करें]

इतिहास में इस तरह की और भी घटनाएं मिलती हैं, लेकिन होलोकॉस्ट की कुछ बातें उसे विलक्षण बनाती हैं। नाजी जर्मनी के अलावा भी कई सरकारों ने कैंप सिस्टम और टेक्नॉलजी का सहारा लिया और इतिहास के ज्यादातर हिस्से में यहूदियों का कत्ल किया जाता रहा। लेकिन दो मुख्य वजहों से होलोकॉस्ट को सबसे अलग कहा जा सकता है।

1. दूसरे समूहों के प्रति अपनी नीतियों से अलग नाजियों ने हर यहूदी को मारने का बीड़ा उठाया। इसके लिए उन्होंने उम्र, लिंग, आस्था या काम की परवाह नहीं की। उन्होंने इस मकसद को अंजाम देने के लिए खास तौर पर एक आधुनिक नौकरशाही का इस्तेमाल किया।

2. नाजी नेतृत्व का कहना था कि दुनिया से यहूदियों को मिटाना जर्मन लोगों और पूरी इंसानियत के लिए फायदेमंद होगा। हालांकि असल में यहूदियों की ओर से उन्हें कोई खतरा नहीं था।

ऐन फ्रैंक

[संपादित करें]

ऐनेलिज मेरी -ऐन फ्रैंक- का जन्म 12 जून 1929 को जर्मनी के फ्रैंकफर्ट में हुआ था। साल 1933 में, जब नाजी सत्ता में आए, चार साल की उम्र में उसे सपरिवार जर्मनी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा। वे लोग नीदरलैंड के ऐम्सटर्डम पहुंचे। लेकिन 1940 में वहां नाजियों का कब्जा शुरू होने के साथ ही वे फंस गए। वहां भी जब यहूदी लोगों पर अत्याचार बढ़ने लगा, तब जुलाई 1942 में इस परिवार ने ऐन के पिता के दफ्तर की इमारत में स्थित गुप्त कमरों में शरण ली और वहीं रहने लगा। करीब दो साल बाद उनके साथ विश्वासघात हुआ और वे गिरफ्तार कर लिए गए। अन्य यहूदियों की तरह उन्हें भी यातना शिविरों में भेज दिया गया। गिरफ्तारी के सात महीने बाद ऐन की टाइफायड की वजह से हबर्जन-बेल्शन कंसनट्रेशन शिविर में मौत हो गई। एक हफ्ते पहले ही ऐन की बहन ने दम तोड़ा था।

परिवार में सिर्फ ऐन के पिता जीवित बचे, जो युद्ध खत्म होने के बाद ऐम्सटर्डम लौटे। उन्हें वहां ऐन की एक डायरी सुरक्षित मिल गई, जिसे उसने छुप-छुपकर बिताई गई जिंदगी के दौरान लिखा था। काफी प्रयासों के बाद पिता ने यह डायरी 1947 में प्रकाशित करवाई। इस डायरी का डच से अनुवाद हुआ और 1952 में यह -द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल-शीर्षक से अंग्रेजी में प्रकाशित की गई।

यह डायरी ऐन को उसके 13 वें जन्मदिन पर मिली थी। इसमें उसने 12 जून 1942 से 1 अगस्त 1944 के बीच का अपने जीवन का घटनाक्रम बयां किया था। इस डायरी का कम से कम 67 भाषाओं में अनुवाद हुआ और यह दुनिया की सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली किताब बन गई। यह डायरी कई नाटकों और फिल्मों की बुनियाद बनी। ऐन फ्रैंक को उसकी लेखनी की गुणवत्ता और होलोकॉस्ट की सबसे मशहूर और चर्चित पीड़तों में से एक के रूप में जाना जाता है। वह उन 10 लाख यहूदी बच्चों में से थी, जिन्हें होलोकॉस्ट में अपने बचपन, परिवार और जिंदगी से हाथ धोना पड़ा।

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]
{{bottomLinkPreText}} {{bottomLinkText}}
यहूदी नरसंहार
Listen to this article

This browser is not supported by Wikiwand :(
Wikiwand requires a browser with modern capabilities in order to provide you with the best reading experience.
Please download and use one of the following browsers:

This article was just edited, click to reload
This article has been deleted on Wikipedia (Why?)

Back to homepage

Please click Add in the dialog above
Please click Allow in the top-left corner,
then click Install Now in the dialog
Please click Open in the download dialog,
then click Install
Please click the "Downloads" icon in the Safari toolbar, open the first download in the list,
then click Install
{{::$root.activation.text}}

Install Wikiwand

Install on Chrome Install on Firefox
Don't forget to rate us

Tell your friends about Wikiwand!

Gmail Facebook Twitter Link

Enjoying Wikiwand?

Tell your friends and spread the love:
Share on Gmail Share on Facebook Share on Twitter Share on Buffer

Our magic isn't perfect

You can help our automatic cover photo selection by reporting an unsuitable photo.

This photo is visually disturbing This photo is not a good choice

Thank you for helping!


Your input will affect cover photo selection, along with input from other users.

X

Get ready for Wikiwand 2.0 🎉! the new version arrives on September 1st! Don't want to wait?