भीमसेन जोशी
पंडित भिमसेन जोशी | |
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पृष्ठभूमि | |
जन्म नाम | भीमसेन गुरुराज जोशी |
जन्म | 4 फ़रवरी 1922 |
मूल | गडग, कर्नाटक, भारत |
मृत्यु | 25 जनवरी 2011 (उम्र 89) |
Genre(s) | हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत - खयाल |
व्यवसाय | हिन्दुस्तानी शास्त्रीय गायक |
कार्य अवधि | 1941–2011 |
पंडित भीमसेन गुरुराज जोशी (कन्नड़: ಪಂಡಿತ ಭೀಮಸೇನ ಗುರುರಾಜ ಜೋಷಿ, जन्म: फरवरी 4, 1922) शास्त्रीय संगीत के हिन्दुस्तानी संगीत शैली के सबसे प्रमुख गायकों में से एक है।
जीवन
[संपादित करें]पंडित भीमसेन जोशी को बचपन से ही संगीत का बहुत शौक था। वह किराना घराने के संस्थापक अब्दुल करीम खान से बहुत प्रभावित थे। 1933 में वह गुरु की तलाश में घर से निकल पड़े। अगले दो वर्षो तक वह बीजापुर, पुणे और ग्वालियर में रहे। उन्होंने ग्वालियर के उस्ताद हाफिज अली खान से भी संगीत की शिक्षा ली। लेकिन अब्दुल करीम खान के शिष्य पंडित रामभाऊ कुंदगोलकर से उन्होने शास्त्रीय संगीत की शुरूआती शिक्षा ली। घर वापसी से पहले वह कलकत्ता और पंजाब भी गए।
वर्ष 1937 तक पंडित भीमसेन जोशी एक जाने-माने खयाल गायक बन गये थे। वहाँ उन्होंने सवाई गंधर्व से कई वर्षो तक खयाल गायकी की बारीकियाँ भी सीखीं। उन्हें खयाल गायन के साथ-साथ ठुमरी और भजन में भी महारत हासिल की है
पंडित भीमसेन जोशी का देहान्त 25 जनवरी 2011 को हुआ।
इन्हें 4 नवम्बर, 2008 को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया, जो कि भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। इन्हें भारत सरकार द्वारा कला के क्षेत्र में सन 1975 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
कर्नाटक के गडक जिले में 4 फ़रवरी वर्ष 1922 को जन्मे पं॰ भीमसेन जोशी को पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्मश्री समेत कई अलंकरण और सम्मान दिए जा चुके हैं।
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