For faster navigation, this Iframe is preloading the Wikiwand page for भारतीय पुनर्नामकरण विवाद.

भारतीय पुनर्नामकरण विवाद

भारत के शहरों का पुनर्नामकरण, स्न 1947 में, अंग्रेज़ोंके भारत छोड़ कर जाने के बाद आरंभ हुआ था, जो आज तक जारी है। कई पुनर्नामकरणों में राजनैतिक विवाद भी हुए हैं। सभी प्रस्ताव लागू भी नहीं हुए हैं। प्रत्येक शहर पुनर्नामकरण को केन्द्रीय सरकार द्वारा अनुमोदित होना चाहिये।

स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद पुनर्नामांकित हुए, मुख्य शहरों में हैं: तिरुवनंतपुरम (पूर्व त्रिवेंद्रम), मुंबई (पूर्व बंबई, या बॉम्बे), चेन्नई (पूर्व मद्रास), कोलकाता (पूर्व कलकत्ता), पुणे (पूर्व पूना) एवं बेंगलुरु (पूर्व बंगलौर)।

पुनर्नामकरण के कारण

[संपादित करें]

पुनर्नामकरण प्रस्तावों के भिन्न भिन्न कारण हैं:

  • स्थानीय भाषा के नाम को अंग्रेज़ी भाषा में वर्तनी के अनुकूल बनाने के लिये, अंग्रेज़ों/ब्रिटिश उपनिवेशकों ने कई नामों की गलत वर्तनी बनाई (जैसे कानपुर (Kanpur) के लिए (Cawnpore)) जिसे सुधारने केलिये नाम बदला गया।
  • यूरोपियाई मूल के नाम को भारतीय मूल के नाम में परिवर्तित करने हेतु (जैसे मद्रास = चेन्नई)
  • मुस्लिम मूल के नाम को हिन्दू मूल में बदलने हेतु।

हालंकि स्थानीय राजनीतिज्ञों और इतिहासविदों ने इस अभियान को सराहा, परंतु कई अन्य खासकर प्रभावित शहरों के व्यापारी वर्ग ने इसे वैश्वीकरण की ओर चाल में एक कदम पीछे की ओर बताया।[1] बेंगलुरु के सिवाय अन्य किसी स्थान पर विवाद इतना कहीं भी नहीं बढ़ा। 1 दिसंबर,2005 को कर्नाटक के मुख्य मंत्री]] श्री धर्म सिंह ने घोषित किया, कि कर्नाटक सरकार ने ज्ञानपीठ पुरस्कृत यू.आर.अनंतमूर्ति का दस शहरों के नाम उनके कन्नड़ नामों से बदलने का प्रस्ताव स्वीकृत किया है। यह नये नाम 1 नवंबर,2006 से प्रभावी होंगे। अधिकांश मामलों में नये नाम शहरों के नामों को स्थानीय निवासियों द्वारा बोला जाने वाला नाम ही था। स्थानीय समाचार पत्रों ने लिखा कि बेंगलौर का नाम अब बेंगलुरु हो गया है। इसका कारण था, कि बंगलौर में, पिछले पंद्रह वर्षों से डेड़ हजार सूचना प्रौद्योगिकी कंपनियां खुल गयी हैं, व शहर को भारतीय सिलिकॉन वैली कहा जाने लगा है। कई अमेरिकी कम्पनियों ने अपने कार्यालय बंगलौर में स्थानांतरित किये, व जिसकी भी नौकरी छूट जाती थी, इस कारण वह उसे बैंगलौर्ड हुआ कहा करता था। अन्य यह मानते थे, कि बंगलौर बहुत प्रांतीय है, जबकि बंगलौर विश्वव्यापी स्तर पर उच्च-प्रौद्योगिक (हाई-टेक) था।

इससे पहले बंबई को भी मुंबई किया गया था। नये बदलाव ब्रिटिश उचारणों को बदलने पर केंद्रित थे, व हिन्दू राष्ट्रवादी पार्टी शिव सेना के जोर देने पर हुए थे। इसे लम्बे समय से मराठी व गुजराती लोग मुंबई व हिन्दी भाषी लोग बंबई बोलते थे।[2][3]

नये व पुराने नामों का प्रयोग

[संपादित करें]

कई मामलों में, पुराने नाम भी अनौपचारिक तौर पर प्रयोग होते रहे, या विश्वविद्यालय, संस्थानों आदि के नाम से जुड़े हुए चलते रहे। बंबई उच्च न्यायालय एवं मद्रास उच्च न्यायालय के नाम भी बदले गये, जबकि इनकी प्रेज़ीडेंसी नहीं बदली गयीं। इन शहरों के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अभी भी आई.आई.टी. बॉम्बे, व आई.आइ.टी मद्रास ही कहा जाता है।

कई जगह पर पूर्व उपनिवेशकों के नाम पर बनी इमारतों व संस्थानों के नाम भी बदले गये हैं। जैसे विक्टोरिया टर्मिनस को बदल कर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस किया गया। यह खासकर मुंबई, चेन्नई, कोलकातादिल्ली में हुआ है। किन्तु कई दक्षिण भारतीय शहरों में ब्रिटिश काल के नाम ही चल रहे हैं।

प्रस्तावित बदलाव

[संपादित करें]

अन्य प्रस्तावित नामों में प्रमुख हैं: अहमदाबाद को कर्णावती[4], लखनऊ को लक्ष्मणपुरी[5] या लखनपुर[6], लखनावती[6], पटना को पाटलिपुत्र[7], औरंगाबाद को सांभाजीनगर[8], ओस्मानाबाद को धराशिव[8], इलाहाबाद को प्रयाग[6] या तीर्थराज प्रयाग[9], फैजाबाद को साकेत[6], मुगलसराय को दीनदयालनगर[10], भोपाल को भोजपाल[11], इंदौर को इंदुर[11], जबलपुर को जाबालिपुरम[11], एवं देल्ही को दिल्ली, इंद्रप्रस्थ

इन्हें भी देखें

[संपादित करें]
  • भारतीय जन्स्थानों के पुनर्नामकरण की सूची

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. "India's Bangalore in name change". British Broadcasting Corporation News. 1 नवंबर 2006. मूल से 30 नवंबर 2006 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 28 सितंबर 2006. |date= में तिथि प्राचल का मान जाँचें (मदद); |publisher= में बाहरी कड़ी (मदद)
  2. Samuel Sheppard Bombay Place-Names and Street-Names (Bombay: The Times Press) 1917 pp104-5
  3. Sujata Patel "Bombay and Mumbai: Identities, Politics and Populism" in Sujata Patel & Jim Masselos (Eds.) Bombay and Mumbai. The City in Transition (Delhi: Oxford University Press) 2003 p4; Suketu Mehta Maximum City. Bombay Lost and Found (New York: Alfred Knopf) 2004 p130
  4. http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/msid-468087, prtpage-1.cms
  5. "संग्रहीत प्रति". मूल से 14 अगस्त 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  6. "संग्रहीत प्रति". मूल से 7 अगस्त 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  7. "संग्रहीत प्रति". मूल से 16 जुलाई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  8. "संग्रहीत प्रति". मूल से 5 अगस्त 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  9. "संग्रहीत प्रति". मूल से 6 अप्रैल 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  10. "संग्रहीत प्रति". मूल से 26 जुलाई 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 सितंबर 2008.
  11. http://timesofindia.indiatimes.com/articleshow/msid-828162, prtpage-1.cms

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]
{{bottomLinkPreText}} {{bottomLinkText}}
भारतीय पुनर्नामकरण विवाद
Listen to this article

This browser is not supported by Wikiwand :(
Wikiwand requires a browser with modern capabilities in order to provide you with the best reading experience.
Please download and use one of the following browsers:

This article was just edited, click to reload
This article has been deleted on Wikipedia (Why?)

Back to homepage

Please click Add in the dialog above
Please click Allow in the top-left corner,
then click Install Now in the dialog
Please click Open in the download dialog,
then click Install
Please click the "Downloads" icon in the Safari toolbar, open the first download in the list,
then click Install
{{::$root.activation.text}}

Install Wikiwand

Install on Chrome Install on Firefox
Don't forget to rate us

Tell your friends about Wikiwand!

Gmail Facebook Twitter Link

Enjoying Wikiwand?

Tell your friends and spread the love:
Share on Gmail Share on Facebook Share on Twitter Share on Buffer

Our magic isn't perfect

You can help our automatic cover photo selection by reporting an unsuitable photo.

This photo is visually disturbing This photo is not a good choice

Thank you for helping!


Your input will affect cover photo selection, along with input from other users.

X

Get ready for Wikiwand 2.0 🎉! the new version arrives on September 1st! Don't want to wait?