पर्ल हार्बर पर आक्रमण
जापानी नौसेना द्वारा ८ दिसम्बर १९४१ (जापानी तिथि के अनुसार) को संयुक्त राज्य अमेरिका के नौसैनिक बेस पर्ल हार्बर पर अचानक आक्रमण किया गया। इस आक्रमण के परिणामस्वरूप यूएसए भी द्वितीय विश्वयुद्ध में कूद पड़ा। जापान से इसी के साथ यूएस द्वारा अधिकृत फिलीपींस, ब्रिटेन द्वारा अधिकार किए गये मलाया, सिंगापुर तथा हांग कांग पर भी आक्रमण किया।
वास्तव में यह आक्रमण एक सुरक्षात्मक कार्य था ताकि अमेरिकी प्रशान्त टुकड़ी जापान के भावी योजनाओं में दखल न दे पाए। जापान दक्षिण पूर्वी एशिया में यूके, नीदरलैण्ड्स तथा यूएस के अधिकृत क्षेत्रों पर सैनिक कार्यवाही करने की योजना बना रहा था।
पर्ल हार्बर या 'पर्ल बंदरगाह' हवाई द्वीप में हॉनलूलू से दस किमी उत्तर-पश्चिम, संयुक्त राज्य, अमरीका का प्रसिद्ध बंदरगाह एवं नौसैनिक अड्डा है। इस बंदरगाह के २० वर्ग किलोमीटर के नाव्य जल में सैकड़ों जहाजों के रुकने का स्थान है। हवाई द्वीप के शासकों द्वारा यहाँ १८८७ ई. में संयुक्त राज्य, अमरीका को कोयला एवं जहाज मरम्मत केंद्र स्थापित करने के लिए स्वीकृति दी गई थी। १९०० ई. में यह नोसैनिक अड्डा बना। तब से बंदरगाह के जहाज मार्गों, लदान एवं मरम्मत के घाटों का सुधार एवं विस्तार होता गया है।
इस बंदरगाह के मध्य फोर्ड द्वीप है, जहाँ नौसैनिक एवं वायुअड्डा है। पर्ल बंदरगाह संसार के सुंदरतम एवं विशालतम सुरक्षित नौसैनिक अड्डों में से एक है। नौसेना द्वारा संचालित यहाँ समीप में ही जहाज मरम्मत स्थान, अस्पताल एवं प्रशिक्षण विद्यालय हैं।
७ दिसम्बर १९४१ को, जब वाशिंगटन में जापानी प्रतिनिधि के साथ द्वितीय विश्वयुद्ध की समझौता वार्ता चल रही थी, उस समय जापानी युद्धक विमानों ने पर्ल बंदरगाह पर यकायक हमला किया। इस हमले से संयुक्त राज्य अमरीका का संपूर्ण बेड़ा, फोर्ड द्वीप स्थित नौसैनिक वायुकेंद्र एवं बंदरगाह बुरी तरह नष्ट हो गया था तथा ढाई हजार सैनिक मारे गए थे। एक हजार से अधिक घायल हुए एवं लगभग एक हजार लापता हो गए। फिर भी एक साल के अंदर ही बहुत से भागों एवं जलपोतों का पुनर्निर्माण कर लिया गया और यह बंदरगाह संयुक्त राज्य अमरीका के प्रशांत महासगरीय बेड़े का प्रधान कार्यालय हो गया।
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