धर्मात्मा
धर्मात्मा | |
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धर्मात्मा का पोस्टर | |
निर्देशक | फ़िरोज़ ख़ान |
लेखक | कौशल भारती |
निर्माता | फ़िरोज़ ख़ान |
अभिनेता |
फ़िरोज़ ख़ान, हेमामालिनी, रेखा, डैनी डेन्जोंगपा, फरीदा ज़लाल, रंजीत, प्रेमनाथ |
संगीतकार | कल्याणजी-आनंदजी |
प्रदर्शन तिथियाँ |
30 अप्रैल, 1975 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
धर्मात्मा 1975 में बनी हिन्दी भाषा की थ्रिलर फिल्म है और अफगानिस्तान में फिल्माई गई पहली बॉलीवुड फिल्म है। इसका निर्माण और निर्देशन फ़िरोज़ ख़ान ने किया था। ये फिल्म द गॉडफ़ादर को स्थानीयकृत बनाने की भारत में पहला प्रयास है। कलाकारों में फ़िरोज़ ख़ान, हेमामालिनी, रेखा, प्रेमनाथ, इम्तियाज खान, डैनी डेन्जोंगपा, फरीदा जलाल, रंजीत, हेलेन, मदन पुरी, जीवन, दारा सिंह, सत्येन कप्पू और सुधीर शामिल हैं। संगीत कल्याणजी आनंदजी का है। यह फिल्म फ़िरोज़ ख़ान को उनके करियर में नई ऊंचाइयों पर ले गई क्योंकि यह एक हिट फिल्म रही थी।
संक्षेप
[संपादित करें]धनवान, शक्तिशाली और प्रभावशाली सेठ धर्मदास (प्रेमनाथ) एक महलनुमा हवेली में आर्थिक रूप से सुरक्षित जीवन व्यतीत करता है। उन्हें उन सभी लोगों की सहायता करने के लिए जाना जाता है जो मदद की किसी भी उम्मीद से परे हैं। इससे उन्हें "धर्मात्मा" के रूप में जाना जाता है। लेकिन सेठ धर्मदास अपनी कोठरी में कई कंकाल छुपाये रखा है और एक गैंगस्टर के रूप में समानांतर जीवन जीता है।
एकमात्र व्यक्ति जिससे धर्मदास नफरत करता है और डरता है, वह कोई और नहीं बल्कि उसका अपना ही बेटा रणबीर (फ़िरोज़ ख़ान) है। उसने कसम खाई है कि वह अपने पिता के काले कारनामों से कभी समझौता नहीं करेगा और उन्हें बेनकाब करने की धमकी देता है। धर्मदास ने कभी भी किसी भी नश्वर के हाथों आत्मसमर्पण या हार नहीं मानी है। वह कभी भी ऐसा करने पर विचार भी नहीं करेंगे - भले ही इसका मतलब रणबीर की मृत्यु हो।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- प्रेमनाथ — धर्मदास 'धर्मात्मा'
- फ़िरोज़ ख़ान — रणबीर
- हेमामालिनी — रेशमा
- रेखा — अनु
- डैनी डेन्जोंगपा — जंकुरा
- फरीदा ज़लाल — मोना
- रंजीत — ऋषि
- सुधीर — नटवर
- इम्तियाज़ ख़ान — कुंदन
- मदन पुरी — रणबीर के अंकल
- जीवन — अनोखेलाल
- सत्येन कप्पू — अनोखेलाल का भाई
- हेलन — नर्तकी
- इफ़्तेख़ार — विक्रम सिंह
- सुलोचना लाटकर — शांति (मोना की माँ)
- नाना पालसिकर — पुरुषोत्तम
- दारा सिंह — शक्ति सिंह
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत इन्दीवर द्वारा लिखित; सारा संगीत कल्याणजी-आनंदजी द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "तेरे चेहरे में वो जादू है" | किशोर कुमार | 4:11 |
2. | "क्या खूब लगती हो" | मुकेश, कंचन | 4:00 |
3. | "मेरी गलियों से लोगों की यारी" | लता मंगेशकर, महेन्द्र कपूर | 6:15 |
4. | "तुम ने किसी से कभी प्यार" | मुकेश, कंचन | 3:51 |
5. | "शीर्षक संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 2:26 |
6. | "पठानी डांस संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 2:43 |
7. | "थीम संगीत" (वाद्य रचना) | N/A | 3:21 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]प्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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कमल बोस | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ छायाकार पुरस्कार | जीत |
बाहरी कड़ियाँ
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