तरंग
तरंग (Wave) का अर्थ होता है - 'लहर'। भौतिकी में तरंग का अभिप्राय अधिक व्यापक होता है जहां यह कई प्रकार के कंपन या दोलन को व्यक्त करता है। इसके अन्तर्गत यांत्रिक, विद्युतचुम्बकीय, ऊष्मीय इत्यादि कई प्रकार की तरंग-गति का अध्ययन किया जाता है।
तरंगों के द्वारा ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता है
तरंग के गुण
[संपादित करें]किसी तरंग का गुण उसके इन मानकों द्वारा निर्धारित किया जाता है
- तरंगदैर्घ्य (Wavelength)
- वेग (speed)
- आवृति (frequency)
- आयाम (Amplitude)
यह सिद्ध किया जा सकता है कि-
- v = nl
जहाँ v तरंग का वेग है, n तरंग की आवृत्ति है और l तरंग की तरंगदैर्घ्य (wavelength) है।
विशिष्टताएँ (charecteristics)
[संपादित करें]तरंगें निम्नलिखित गुण प्रदर्शित करतीं हैं-
- परावर्तन (reflection)
- अपवर्तन (refraction)
- ध्रुवण (polarization)
- व्यतिकरण(interference)
- विवर्तन (diffraction)
तरंग के प्रकार
[संपादित करें]यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves) – वे तरंगें जो पदार्थिक माध्यम (ठोस,द्रव एवं गैस) में संचरित होती है जैसे ध्वनि, पराश्रव्य तरंग (ultrasonic waves), पराध्वनिक (supersonic), जल के सतह पर उठने वाली तरंग, आदि
- यह दो प्रकार की होती है 1.अनुप्रस्थ तरंगें 2.अनुदैर्ध्य तरंगें
अयांत्रिक तरंगें या विद्युत चुम्बकीय तरंग (Electromagnetic wave) – वैसी तरंगें जिसके संचरण के लिए किसी माध्यम की आवश्यकता नहीं होती है अर्थात तरंगें निर्वात में भी संचरित हो सकती है यह एक ही चाल से चलती है जैसे- प्रकाश, उष्मा, रेडियो एवं एक्स-रे तरंगें आदि
- गति की दिशा तथा कम्पन की दिशा के सम्बन्ध के आधार पर
- अनुप्रस्थ तरंग (transverse wave) - इसमें तरंग की गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के लम्बवत होती है।
- अनुदैर्घ्य तरंग (longitudenal wave) - इसमें तरंग की गति की दिशा माध्यम के कणों के कम्पन करने की दिशा के समान्तर होती है।
तरंगों का गणितीय निरूपण
[संपादित करें]आवर्ती तरंग (हार्मोनिक वेव)
[संपादित करें]इसको निम्न प्रकार से भी लिख सकते हैं:
जहाँ:
- A – तरंग का आयाम,
- T – आवर्तकाल (Time period)
- λ – तरंगदैर्घ्य (तरंग की लम्बाई / wave length)
- ω – तरंग का कोणीय वेग ,
- k – तरंग संख्या (wave number),
- φ – आरम्भिक कला (epoch)
ज्या (साइन) के कोणांक अर्थात् को तरंग की 'कला' (फेज) कहते हैं।
- कला वेग (या फेज वेलॉसिटी)-
-
- समूह वेग (ग्रुप वेलॉसिटी)-
-
अप्रगामी तरंग (स्थिर तरंग)
[संपादित करें]अप्रगामी तरंग में कुछ निश्चित स्थानों पर स्थित कणों का कम्पन सबसे कम (शून्य) होता है, कुछ निश्चित स्थानों के कणों का कम्पन सर्वाधिक होता है।
इन्हें भी देखें
[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ
[संपादित करें]भौतिकी के सामान्य उपविषय | |
---|---|
श्रेणी | |
गति और ऊर्जा | चिरसम्मत यांत्रिकी (लाग्रांजीय यांत्रिकी • हेमिल्टोनीय यांत्रिकी) • सांतत्यक यांत्रिकी • खगोलीय यांत्रिकी • सांख्यिकीय यांत्रिकी • उष्मागतिकी • तरल यांत्रिकी • क्वांटम यांत्रिकी |
तरंग और क्षेत्र | |
भौतिक विज्ञान और गणित | त्वरक भौतिकी • ध्वनिकी • खगोलभौतिकी(नाभिकीय खगोलभौतिकी • सौर भौतिकी • अंतरिक्ष भौतिकी • तारकीय भौतिकी • परमाणु, अणु और प्रकाशिय भौतिकी) • रासायनिक भौतिकी • अभिकलनी भौतिकी • संघनित पदार्थ भौतिकी • (ठोस अवस्था भौतिकी) • अंकीय भौतिकी • अभियांत्रिक भौतिकी • पदार्थ भौतिकी • गणितीय भौतिकी • नाभिकीय भौतिकी • प्रकाशिकी(अरैखिक प्रकाशिकी • क्वांटम प्रकाशिकी) • कण भौतिकी(खगोलकण भौतिकी • घटनाविज्ञान) • बहुलक भौतिकी • प्लाज़्मा • सांख्यिकीय भौतिकी |
भौतिकी और जीव विज्ञान/ भूविज्ञान/अर्थशास्त्र | जैव भौतिकी (जैव यांत्रिकी • चिकित्सा भौतिकी • तन्त्रिका भौतिकी) • कृषिभौतिकी(मृदा भौतिकी) • वायुमंडलीय भौतिकी • अर्थभौतिकी • भूभौतिकी • मनोभौतिकी |
Text is available under the CC BY-SA 4.0 license; additional terms may apply.
Images, videos and audio are available under their respective licenses.