चितचोर
चितचोर | |
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चितचोर का पोस्टर | |
निर्देशक | बासु चटर्जी |
कहानी | सुबोध घोष |
निर्माता | ताराचंद बड़जात्या |
अभिनेता |
अमोल पालेकर, ज़रीना वहाब |
संगीतकार | रवीन्द्र जैन |
प्रदर्शन तिथि |
1976 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
चितचोर 1976 में बनी हिन्दी भाषा की रूमानी फिल्म है। यह बासु चटर्जी द्वारा लिखित और निर्देशित है। फिल्म ताराचंद बड़जात्या द्वारा निर्मित एक राजश्री प्रोडक्शन्स फिल्म है। यह सुबोध घोष की एक बंगाली कहानी, चित्ताचोर पर आधारित है। के॰ जे॰ येशुदास और मास्टर राजू ने इस फिल्म के लिये 1976 का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता था।
संक्षेप
[संपादित करें]पीतांबर चौधरी (ए के हंगल) मधुपुर गाँव के विद्यालय में प्राध्यापक जो अपनी पत्नी (दीना पाठक) व कन्या गीता (ज़रीना वहाब) के साथ रहता है| गीता एक सरल व नटखट लड़की जिसके साथ हमेशा पड़ोस का नन्हा बालक दीपू (मास्टर राजू) रहता है| एक दिन पीतांबर को अपनी बड़ी बेटी मीरा (ऋतू कमल) की चिट्ठी आती है जिसमें वह इंजिनियर, जो गीता के योग्य वर है, के आनेकी सूचना दिए उसकी अच्छे से देखभाल करने को कहती है| पीतांबर का परिवार उसके स्वागत को तैयार होता है| विनोद (अमोल पालेकर) उस मिलनसार परिवार में घुल मिल, गीता से प्रेम करने लगता है|
सारा परिवार गीता व विनोद के मंगनी का निश्चय करता है| इतने में मीरा की दूसरी चिट्ठी आती है जिसमे वह इंजिनियर सुनील (विजयेन्द्र घटगे), जिस बारे पिछली चिट्ठी में लिखा था, कुछ दिन बाद आनेकी बताती है| विनोद वहां उसके काम के संचालन के लिए आया है| पीतांबर का परिवार यह सुन हैरान है और विनोद की जगह सुनील की गीता से मंगनी की बात कर सारा व्यवस्था करता है| यह सुन विनोद गाँव से निकल जाता है, जिसे सुन गीता विनोद से विवाह करने की बात बताकर उसे ढूँढने जाती है| उसके स्टेशन पहुँचने तक गाडी निकल जाती है| निराश हुए वह सुनील के साथ घर वापस आकर विनोद को घर में पाती है| सभी उलझन सुलझनेपर गीता व विनोद का विवाह निश्चय होता है|
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- अमोल पालेकर - विनोद
- ज़रीना वहाब - गीता पीतांबर चौधरी
- विजयेन्द्र घटगे - सुनील किशन
- ए के हंगल - पीतांबर चौधरी, गीता का पिता
- दीना पाठक - श्रीमती पीतांबर चौधरी, गीता की माँ
- ऋतू कमल - मीरा, गीता की बहन
- मास्टर राजू - दीपक कुमार अग्निहोत्री 'दीपू'
- शैल चतुर्वेदी - चौबे
- सी एस दुबे - डाकिया
दल
[संपादित करें]- निर्देशक - बासु चटर्जी
- कथा - सुबोध घोष
- पटकथा - बासु चटर्जी
- संवाद - बासु चटर्जी
- निर्माता - ताराचंद बडजात्या, अजीत कुमार बडजात्या, कमल कुमार बडजात्या, राजकुमार बडजात्या
- संपादक - मुख़्तार अहमद
- चलचित्रण - के के महाजन
- कला निर्देशक - जादब भट्टाचार्या
- संगीतकार - रविन्द्र जैन
- गीतकार - रविन्द्र जैन
- पार्श्व गायक - हेमलता, येशुदास
संगीत
[संपादित करें]सभी गीत रवीन्द्र जैन[1] द्वारा लिखित हैं।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "आज से पहले, आज से ज्यादा" | येशुदास | 5:00 |
2. | "जब दीप जले आना, जब शाम ढ़ले आना" | येशुदास, हेमलता | 5:30 |
3. | "गोरी तेरा गाँव बड़ा प्यारा" | येशुदास | 5:10 |
4. | "तू जो मेरे सुर में, सुर मिला ले" | येशुदास, हेमलता | 5:16 |
नामांकन और पुरस्कार
[संपादित करें]वर्ष | श्रेणी | कलाकार | स्थिति | टिप्पणी |
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1976 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक | के. जे. येशुदास | जीत | "गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा" के लिए[2] |
सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार | राजू श्रेष्ठा | जीत | ||
1977 | सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका | हेमलता | जीत | "तू जो मेरे सुर में, सुर मिला ले" के लिए |
सर्वश्रेष्ठ फिल्म | ताराचंद बड़जात्या (राजश्री प्रोडक्शन्स) |
नामित | ||
सर्वश्रेष्ठ निर्देशक | बासु चटर्जी | नामित | ||
सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायक | के. जे. येशुदास | नामित | "गोरी तेरा गांव बड़ा प्यारा" के लिए[3] |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "चितचोर - Chitchor (1976) - Lyrics". Geetmanjusha.com. मूल से 10 फ़रवरी 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-09-20.
- ↑ चितचोर Archived 2008-04-09 at the वेबैक मशीन राजश्री प्रोडक्शन्स Official website.
- ↑ "Download Attachment" (PDF). Deep750.googlepages.com. मूल (PDF) से 12 जून 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2011-09-20.
बाहरी कड़ियाँ
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