For faster navigation, this Iframe is preloading the Wikiwand page for गुब्बी तोट्दप्पा.

गुब्बी तोट्दप्पा

राव बहादुर धर्मप्रवर्थ
गुब्बी तोट्दप्पा

जन्म १८३८
गुब्बी, तुमकुर, मैसूर राज्य (अभी, कर्नाटक में)
मृत्यु १९१०
बैंगलोर
राष्ट्रीयता भारतीय
जीवन संगी गौराम्मा
व्यवसाय दानी, RBDGTC ट्रस्ट संस्थापक
पेशा व्यापारी
धर्म हिंदू
राव बहादुर धर्मप्रवर्थ गुब्बी तोट्दप्पा चैरिटी (RBDGTC)

राव बहादुर "धर्मप्रवर्थ" गुब्बी तोट्दप्पा ( कन्नड़:ರಾವ್ ಬಹದ್ದೂರ್ ಧರ್ಮಪ್ರವರ್ತ ಗುಬ್ಬಿ ತೋಟದಪ್ಪ ), (१८३८ - १९१०) एक भारतीय व्यापारी और परोपकारी थे।[1] उन्होंने देश भर के पर्यटकों के लिए "तोट्दप्पा छत्र" नामक एक मुफ्त आवास स्थान की स्थापना की।[1] उन्हें ब्रिटिश सरकार द्वारा "राव बहादुर" और मैसूर के महाराजा कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ द्वारा "धर्मप्रवर्थ" शीर्षक से सम्मानित किया था।[1]

प्रारंभिक वर्ष

[संपादित करें]

तोट्दप्पा का जन्म १८३८ में गुब्बी के लिंगायत परिवार में हुआ था। बाद के वर्षों में उनका परिवार बेंगलुरु चले गये जहां उन्होंने ममुलपेट में अपना व्यापार शुरू किया।

सामाजिक कार्य

[संपादित करें]
RBDGTC ट्रस्ट के सामने का गुब्बी तोट्दप्पा मूर्ति

अपने बच्चे ना होने के कारण, तोट्दप्पा ने अपनी सारी संपत्ति का उपयोग पर्यटकों और छात्रों के लाभ के लिए करने का निर्णय लिया। उन्होंने राव बहादुर धर्मप्रवर्थ गुब्बी तोट्दप्पा चैरिटी (आर॰ बी॰ डी॰ जी॰ टी॰ सी) नामक ट्रस्ट की स्थापना की। १८९७ में, ट्रस्ट ने बेंगलुरु सिटी रेलवे स्टेशन के पास जमीन का एक टुकड़ा खरीदा और ११ फरवरी १९०३ को कृष्णराज वोडेयार चतुर्थ ने आधिकारिक तौर पर धर्मचत्र (यात्रा करने वालों के लिए) और मुफ्त छात्रावास (छात्रों के लिए) खोला।[2] अपने आखिरी दिनों के दौरान उन्होंने अपनी सारी संपत्ति आर॰ बी॰ डी॰ जी॰ टी॰ सी ट्रस्ट को दान कर दी और के॰ पी॰ पुट्टाना चेटि को उस ट्रस्ट के पहले अद्यक्ष के रूप में नियुक्त किया। ट्रस्ट आज भी अपना काम जारी रखता है। यह छात्रावास सुविधा पूरे कर्नाटक में विस्तारित की गई थी। वर्ष २००५ में, छात्रावास का पुनर्निर्माण किया गया। अपने शताब्दी के लिए, ट्रस्ट ने केम्पेगौड़ बस स्टेशन पर बेल्ल होटल को आय के एक स्रोत के रूप में बनाया। आवास सुविधा एक मामूली दर पर आवास प्रदान करती है और सभी के लिए खुली होती है, चाहे व्यक्ति का धर्म कुछ भी हो।[2] छात्रावास का उपयोग वीरशैव समुदाय से संबंधित छात्रों के लिए विशेष है। अब तक छात्रावास में सरकारी अनुदान प्राप्त नहीं हुआ है। हर वर्ष लिंगायत धर्म के विद्यार्थियों को योग्यता के लिए ट्रस्ट पुरस्कार देता है।[3]

२१ फरवरी १९१० को तोट्दप्पा की ७२ वर्ष की आयु में मृत्यु हो गई।

  • डॉ श्री श्री श्री शिवकुमार स्वामीजी १९२७ - १९३० के वर्षों के दौरान तोट्दप्पा छात्रावास के छात्र थे।
  • कर्नाटक के चौथे मुख्यमंत्री, एस निजलिंगप्पा, १९२१ - १९२४ के वर्षों में तोट्दप्पा छात्रावास के छात्र थे।
  • बंगलौर सिटी रेलवे स्टेशन के सामने का सड़क उनके सम्मान में "गुब्बी तोट्दप्पा रोड" नामित किया गया था।

सन्दर्भ

[संपादित करें]
  1. Divya Sreedharan. "For now, this old shelter". Online Edition of the Hindu, dated 2 February 2003. 2003, the Hindu. मूल से 30 अगस्त 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ अगस्त २०१४.
  2. Y Maheswara Reddy. "A model for sustainable charity". the Indian express, dated 6 December 2011. 2011, the newindianexpress. मूल से 7 अक्तूबर 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ अगस्त २०१४.
  3. Staff Reporter. "Applications invited". Online Edition of the Hindu, dated 23 September 2012. 2012, The Hindu. मूल से 27 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि २८ अगस्त २०१४.

बाहरी कड़ियाँ

[संपादित करें]
{{bottomLinkPreText}} {{bottomLinkText}}
गुब्बी तोट्दप्पा
Listen to this article

This browser is not supported by Wikiwand :(
Wikiwand requires a browser with modern capabilities in order to provide you with the best reading experience.
Please download and use one of the following browsers:

This article was just edited, click to reload
This article has been deleted on Wikipedia (Why?)

Back to homepage

Please click Add in the dialog above
Please click Allow in the top-left corner,
then click Install Now in the dialog
Please click Open in the download dialog,
then click Install
Please click the "Downloads" icon in the Safari toolbar, open the first download in the list,
then click Install
{{::$root.activation.text}}

Install Wikiwand

Install on Chrome Install on Firefox
Don't forget to rate us

Tell your friends about Wikiwand!

Gmail Facebook Twitter Link

Enjoying Wikiwand?

Tell your friends and spread the love:
Share on Gmail Share on Facebook Share on Twitter Share on Buffer

Our magic isn't perfect

You can help our automatic cover photo selection by reporting an unsuitable photo.

This photo is visually disturbing This photo is not a good choice

Thank you for helping!


Your input will affect cover photo selection, along with input from other users.

X

Get ready for Wikiwand 2.0 🎉! the new version arrives on September 1st! Don't want to wait?