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इस्लामी पवित्र ग्रन्थ

मुस्लिम समुदाय के विश्वासों के आधार पर यह वह पुस्तक हैं जिनको अल्लाह ने अनेक पैगम्बरों पर अवतरण किया। मानव चरित्र में मानव कल्याण के लिए जब जब आवश्यकता हुई तब तब पैगम्बरों को भेजा और सन्मार्ग की शिक्षा दी। और इस शिक्षण के लिए आसमानी किताबें, सहीफे उतारे गए। इन्हीं किताबों के श्रंखला की आख़री कड़ी कुरआन पाक है। और ये आख़री किताब कुरआन पाक पिछले भेजे गए तमाम किताबों की तस्दीक करती है। [1] वैसे इस्लाम में कुरआन पाक पवित्र और अल्लाह का आख़री कलाम है, और कुरान पाक ये भी तालीम देता है कि पिछले ग्रंथों की इज्ज़त करें। इस्लाम में, कुरआन पाक में चर्चित चार किताबों को आसमानी किताबें माना जाता है। वे तौरात (जो हजरत मूसा अलैहिस्सलाम पर प्रकट हुई), ज़बूर (जो हजरत दाउद अलैहिस्सलाम पर प्रकट हुई), इंजील (जो हजरत ईसा अलैहिस्सलाम पर प्रकट हुई) और कुरआन पाक (जो मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम पर प्रकट हुई)

बड़ी किताबें

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कुरआन, कम से कम तीन आसमानी किताबों का ज़िक्र करती है, जो के कुरआन से पहले प्रकट हुए.

  • तौरात : कुरआन के अनुसार, तौरात मूसा पैगम्बर पर प्रकट हुई। [2] लैकिन मुसलामानों का ऐसा मानना है कि, आज कल जो तौरात देखी जाती है उसको लोग अपने हिसाब से बदल दिए हैं, और स्वच्छ पुराणी तौरात बाकी नहीं है। जैसे जैसे काल गुज़रता गया वैसे वैसे इस किताब में लोग बदलाव करदिये. यह तौरात मूसा और उनके भाई हारून पैगम्बर पर प्रकट हुई, जो बनी इस्राइल को सन्देश देने के लिए भेजी गयी थी। मूसा के पैरूकार यहूदी इस किताब को अपना पवित्र ग्रन्थ मानते हैं।
  • ज़बूर् (az-Zabur): कुरआन ज़बूर का उल्लेख करती है। इसी ज़बूर को दाउद के कीर्तन भी माना जाता है। यह किताब दाउद पैगम्बर (राजा डेविड) पर प्रकट हुई। इस किताब में ईश्वर के कीर्तन हैं। [3] आज भी इस किताब के कीर्तनों को मुस्लिम भी मानते और तारीफ़ करते हैं। [4][5] लेकिन मुस्लिम ये भी मानते हैं कि यह कीर्तन दाउद पैगम्बर के गुजरने के बड़ी मुद्दत बाद लिखे गए हैं।
  • इंजील (अल-इंजील): कुरआन के अनुसार इंजील ईसा मसीह पैगम्बर प्रकट हुई किताब है। मुसलमानों का मानना है कि न्यू टेस्टामेंट पूरी किताब ‘इंजील’ होसकती है। [6] लेकिन ये भी मानते हैं कि अल्लाह से ईसा पर प्रकट होने वाली मूल किताब इंजील बदल गयी है, उस में ईश्वर वाणी कम और लोगों की वाणी ज्यादा है। [7] मुस्लिम समूह का मानना है कि इंजील अल्लाह की भेजी हुई किताब है। और यह किताब “बनी इस्राइल” (इस्राइल की संतान – इस्राइल याकूब पैगम्बर का नाम है। ) पर प्रकट हुई।

पैगम्बरों पर दूसरी किताबें

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कुरआन प्रकट करता है कि दो आसमानी सहीफे और किताब प्रकट हुई।

  • सुहूफ़-ए-इब्राहीम : माना जाता है कि इब्राहीम के सुहूफे (फलक) मानव चरित्र के पहले सहीफे हैं। यह सहीफे इब्राहीम पैगम्बर पर प्रकट हुए.[8] बाद में इब्राहीम के बेटे इस्माईल और इसहाक़ ने भी उपयोग किया। वैसे यह सुहूफ़ ही अरबी भाषा में ‘किताब’ के रूप में अनुवाद किये गए। [4][9] आज कल यह सहीफे या तो काल गर्भ में ख़त्म होगये या फिर बदल बदल कर कई किताबों के रूप में लिखे और पढ़े गए। चंद विद्वानों की दृष्टी में टेस्टामेंट ऑफ़ अब्राहाम, मुहम्मद पैगम्बर के दौर में अरबी भाषा में प्राप्त किताब अपोकेलिप्टिक साहित्य में सुहूफे इब्राहीम के तालीमात होसकते हैं।
  • यह्या पैग़म्बर की किताब: कुरआन के 19:12 में यह्या के किताब का ज़िक्र का अनुमान है। [10] यह्या को क्रैस्तव मत में 'जान द बाप्टिस्ट' के नाम से जाना जाता है। मुमकिन है कि इस किताब के हिस्से मंडेइजम में हों, और गेंज़ा रब्बा या द्रषा -लाहिया "जॉन बाप्टिस्ट की ग्रन्थ" में भी मौजूद हों. क्यों कि, मंडेइन और सबियन यह्या को मानते है।
  • सुहूफ़-ए-मूसा: ये सुहूफे, मूसा पर प्रकट हुए, लगता है के बाद में मूसा, हारून, और जोशुवा ने इन्हें ग्रंदस्थ किया। मुसलामानों का मानना है कि यह तौरात नहीं बल्कि, तौरात के इलावा प्रकट हुए. विद्वानों का मानना है कि यह सुहूफे बुक ऑफ़ द वार्स ऑफ़ द लार्ड.[4] अनुमान है कि इस किताब का उल्लेख ओल्ड टेस्टामेंट या तनक़ या द बुक ऑफ़ नंबर्स में किया गया है। [11]

यह भी देखिये

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सन्दर्भ

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  1. Concise Encyclopedia of Islam, Cyril Glasse, Holy Books
  2. Qur'an 53:36
  3. Encyclopaedia of Islam, Psalms
  4. Abdullah Yusuf Ali, Holy Qur'an: Text, Translation and Commentary [page needed]
  5. Martin Lings, Mecca; Abdul Malik, In Thy Seed
  6. Abdullah Yusuf Ali, Holy Qur'an: Text, Translation and Commentary, Appendix: On the Injil
  7. Encyclopaedia of Islam, Injil
  8. Qur'an 87:19
  9. [[:en:Marmaduke Pickthall|]], The Meaning of the Glorious Qur'an
  10. Qur'an 19:12
  11. साँचा:Bibleref
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