इंग्लिश बाबू देसी मेम
इंग्लिश बाबू देसी मेम | |
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इंग्लिश बाबू देसी मेम का पोस्टर | |
निर्देशक | प्रवीण निश्चल |
लेखक | एस. अली रज़ा |
निर्माता | प्रवीण निश्चल |
अभिनेता |
शाहरुख़ ख़ान, सोनाली बेंद्रे |
संगीतकार | निखिल-विनय |
प्रदर्शन तिथियाँ |
26 जनवरी, 1996 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
इंग्लिश बाबू देसी मेम 1996 की हिन्दी भाषा की हास्य प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्माण-निर्देशन प्रवीण निश्चल द्वारा किया गया है।[1] इसमें शाहरुख़ ख़ान और सोनाली बेंद्रे की मुख्य भूमिकाएँ हैं। अब इस फ़िल्म के अधिकार रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के पास हैं। यह फ़िल्म फ्लॉप रही थी।[2]
कहानी सारांश
[संपादित करें]गोपाल मयूर एक अरबपति व्यापारी है। वह समृद्ध एनआरआई व्यवसायी मयूर परिवार का मुखिया है। वह पांच पीढ़ियों से लंदन में रह रहे हैं। उसके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा हरि (शाहरुख़ ख़ान), एक पंजीकृत पायलट है और उसे भारत से गहरा लगाव है। वह अपना अधिकांश समय लंदन के मिनी इंडिया में बिताता है। लेकिन गोपाल भारत का प्रशंसक नहीं है और उसे पसंद नहीं कि उसका बेटा अपने पैतृक देश से इतना प्यार करता है। वह अपने अंग्रेज दोस्त से वादा कर रखा है कि हरि उसकी बेटी से शादी करेगा। हालाँकि, हरि एक अंग्रेज महिला से शादी नहीं करना चाहता है और अपने परिवार से शादी रद्द करने की विनती करता है। लेकिन कोई उसकी बात नहीं सुनता। अपनी शादी के दिन, वह घर से भाग जाता है। उसका विमान हिंद महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और सभी उसे मृत मान लेते हैं। हालाँकि, हरि मुंबई के किनारे पर बह जाता है और उसे बिजुरिया नाम की एक छोटी लड़की और उसकी बड़ी बहन कटारिया (राजेशवरी सचदेव) पाती हैं।
कटारिया उसकी देखभाल करके उसे स्वस्थ कर देती है। फिर हरि को पता चलता है कि उसके शरीर को खोजने में बचाव अभियान की विफलता के बाद, उसे ब्रिटिश सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर मृत घोषित कर दिया गया है। वह इस अवसर का उपयोग अपने प्रिय भारत में एक नया जीवन शुरू करने के लिए करता है। वह कटारिया से शादी करता है, जिससे उसे प्यार हो गया है। कटारिया जल्द ही हरि के बच्चे से गर्भवती हो जाती है। खुशी लंबे समय तक नहीं रहती है, क्योंकि दिवाली उत्सव के दौरान उनके घर में आग लग जाती है। इससे हरि और कटारिया गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं, जो अपने बेटे नन्दलाल मयूर उर्फ नन्दू के जन्म के तुरंत बाद मर जाते हैं। नन्दू के पालन-पोषण की जिम्मेदारी बिजुरिया (सोनाली बेंद्रे) ले लेती है। वह अपनी शिक्षा का त्याग कर देती है और बार डांसर के रूप में नौकरी करके पैसे कमाती है।
मुख्य कलाकार
[संपादित करें]- शाहरुख़ ख़ान — गोपाल मयूर / हरि मयूर / विक्रम मयूर
- सोनाली बेंद्रे — बिजुरिया
- किरण कुमार — भीमा
- सईद जाफ़री — वकील मददगार
- राजेशवरी सचदेव — कटारिया मयूर, हरि की पत्नी
- सनी सिंह — नन्दलाल
- विवेक बासवानी — वेटर
- मुशताक ख़ान — हिटमैन
- अंजू महेन्द्रू — टीवी प्रवक्ता
संगीत
[संपादित करें]सभी निखिल-विनय द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "भरतपुर लुट गया" | योगेश | सुषमा श्रेष्ठ | 4:20 |
2. | "दीवाना मैं तेरा दीवाना" | योगेश | कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | 4:42 |
3. | "ढोल बाजे कुड़ दम" | रानी मलिक | विनोद राठौड़ ,अलका याज्ञनिक | 5:15 |
4. | "कैसे मुखड़े से नज़रे हटाऊँ" | योगेश | आशा भोंसले | 4:40 |
5. | "लव मी हनी हनी" | योगेश | सुषमा श्रेष्ठ, उदित नारायण | 3:10 |
6. | "ना तेरे बिना" | योगेश | कविता कृष्णमूर्ति | 3:00 |
7. | "अभी अभी सोलह बरस की हुई" | योगेश | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण, जॉली मुखर्जी | 4:35 |
सन्दर्भ
[संपादित करें]- ↑ "शाहरुख की 5 स्वीट फिल्में, जिनमें से कुछ तो कट्टर फैन्स ने भी नहीं देखी होंगी". द लल्लनटॉप. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2023.
- ↑ "शाहरुख से अमिताभ तक, इन फिल्मों में ट्रिपल रोल कर चुके हैं ये एक्टर्स". जनसत्ता. 26 नवम्बर 2021. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2023.
बाहरी कड़ियाँ
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